tag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post3511295917964934658..comments2023-09-25T07:33:42.199-07:00Comments on तत्सम: मस्त लेखक के हृदय की सरलता: कबतरों से भी खतरा हैप्रदीप कांतhttp://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-84134074148309326362010-12-29T04:03:01.245-08:002010-12-29T04:03:01.245-08:00प्रिय भाई
आपने इस बार का अंक एन॰ उन्नी के लघुकथा स...प्रिय भाई<br />आपने इस बार का अंक एन॰ उन्नी के लघुकथा संग्रह पर केन्द्रित किया--बहुत अच्छा लगा। मज़े की बात यह रही कि इस बार 'जनगाथा' में भी उन पर कुछ लिखा गया है।<br />आपकी पोस्ट एक दिन पहले आ गई होती तो 'जनगाथा' के दिस॰ 2010 अंक में एन॰ उन्नी के साथ-साथ डॉ॰ रामकुमार घोटड़, कालीचरण प्रेमी और पुष्पा रघु के परिचय भी मैं दे पाता। मुझे प्राप्त 'कबूतरों से भी खतरा है' की प्रति पर जैकेट नहीं था जिस पर उन्नी जी का परिचय छपा होगा। उनका परिचय पुस्तक के साथ उपलब्ध न होने के कारण अन्य का परिचय देना उपयुक्त नहीं लगा।बलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.com