tag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post1689581860246057528..comments2023-09-25T07:33:42.199-07:00Comments on तत्सम: मजाज़ की एक नज़्मप्रदीप कांतhttp://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-87160250027827394572011-05-07T09:37:48.062-07:002011-05-07T09:37:48.062-07:00बोल ! अरी, ओ धरती बोल !
राज सिंहासन डाँवाडोल!
यह ...बोल ! अरी, ओ धरती बोल !<br />राज सिंहासन डाँवाडोल!<br /><br />यह नज़्म जब भी पढ़ी जाती है...जोश भर देती है...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-73259546068995374872011-05-05T21:56:33.180-07:002011-05-05T21:56:33.180-07:00प्रदीप जोरदार काम है। बधाई। हमें इस तरह की नज्मों ...प्रदीप जोरदार काम है। बधाई। हमें इस तरह की नज्मों की जरूरत है।प्रदीप मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07054951794220057637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-17973049199333837112011-05-05T08:32:26.842-07:002011-05-05T08:32:26.842-07:00भाई प्रदीप जी एक बेहतरीन शायर मज़ाज की नज्म ब्लॉग ...भाई प्रदीप जी एक बेहतरीन शायर मज़ाज की नज्म ब्लॉग पर देकर महान काम किया है |मजाज़ की जन्मशती भी मनाई जा रही है |बहुत बहुत आभारजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-36854471041234747042011-05-05T07:54:29.760-07:002011-05-05T07:54:29.760-07:00बोल कि तेरी खिदमत की है, बोल कि तेरा काम किया है,
...बोल कि तेरी खिदमत की है, बोल कि तेरा काम किया है,<br /><br />बोल कि तेरे फल खाये हैं, बोल कि तेरा दूध पिया है,<br /><br />बोल कि हमने हश्र उठाया, बोल कि हमसे हश्र उठा है,<br /><br />बोल कि हमसे जागी दुनिया<br /><br />बोल कि हमसे जागी धरती<br /><br />बोल ! अरी, ओ धरती बोल !<br /><br />राज सिंहासन डाँवाडोल!<br />Kya baat hai! Wah!Gazab ke alfaaz!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.com