tag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post5994006323834426962..comments2023-09-25T07:33:42.199-07:00Comments on तत्सम: हरे प्रकाश उपाध्याय की कविताएँप्रदीप कांतhttp://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-76443088824707104962017-04-01T06:05:49.160-07:002017-04-01T06:05:49.160-07:00यहां प्रस्तुत कविताओं में घड़ी पुरजोर असर करती है....यहां प्रस्तुत कविताओं में घड़ी पुरजोर असर करती है. अनेक साधुवाद हरे प्रकाश जी को.Akhileshwar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/10881251799462130074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-72175044548337700702017-04-01T03:49:13.792-07:002017-04-01T03:49:13.792-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Triloki Mohan Purohithttps://www.blogger.com/profile/09384190401669565241noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-5745353121577665222017-04-01T03:44:56.159-07:002017-04-01T03:44:56.159-07:00हरे प्रकाश जी की कविताएँ प्रतीकात्मक कथ्य के साथ आ...हरे प्रकाश जी की कविताएँ प्रतीकात्मक कथ्य के साथ आगे बढती हैं। बिम्बात्मकता के साथ सामाजिक गतिविधियों से रू-ब-रू कराते हैं । सामाजिक गतिविधियों से रू-ब-रू कराना चित्रात्मकता नहीं है अपितु आत्मबोध के लिए प्लेटफार्म देना है। जहाँ अर्थ प्राप्ति के लिए कुछ बौद्धिक प्रयास करनेऔर अपने अनुभवों को कविता के साथ समायोजित करना होता है। यही इन कविताओं की सम्प्रेषणीयता है। मैं मन से बधाई सम्प्रेषित करता हूँ।Triloki Mohan Purohithttps://www.blogger.com/profile/09384190401669565241noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-70400383037662626192017-04-01T02:22:58.999-07:002017-04-01T02:22:58.999-07:00हरे प्रकाश जी की कविताएँ प्रतीकात्मक कथ्य के साथ आ...हरे प्रकाश जी की कविताएँ प्रतीकात्मक कथ्य के साथ आगे बढती हैं। बिम्बातमकता के साथ सामाजिक गतिविधियों से रू-ब-रू कराते हैं । सामाजिक गतिविधियों से रू-ब-रू कराना चित्रात्मकता नहीं है अपितु आत्मबोध के लिए प्लेटफार्म देना है। जहाँ अर्थ प्राप्ति के लिए कुछ बौद्धिक प्रयास करनेऔर अपने अनुभवों को कविता के साथ समायोजित करना होता है। यही इन कविताओं की सम्प्रेषणीयता है। मैं मन से बंधाई सम्प्रेषित करता हूँ।Triloki Mohan Purohithttps://www.blogger.com/profile/09384190401669565241noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-65849656137513443572017-03-31T08:50:28.441-07:002017-03-31T08:50:28.441-07:00इन अत्यन्त संवेदनशील और सार्थक कविताओं के लिये आपक...इन अत्यन्त संवेदनशील और सार्थक कविताओं के लिये आपको हार्दिक बधाई उपाध्याय जी।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/15773819890260239540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-61592212609329758712017-03-31T03:50:39.267-07:002017-03-31T03:50:39.267-07:00हरे प्रकाश की इन कविताओं में निम्नवर्ग के जीवन संघ...हरे प्रकाश की इन कविताओं में निम्नवर्ग के जीवन संघर्ष तो हैं। वर्तमान समय की नब्ज़ को उन्होंने बेहतर से पकड़कर जीवन के मर्म को अभिव्यक्त किया है। हरे प्रकाश की कविताओं की भाषा में ताज़गी है। इन बेहतरीन कविताओं के लिए हरे जी को हार्दिक बधाईरमेश प्रजापतिhttps://www.blogger.com/profile/11521558586744667288noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-51251924765900083222017-03-31T03:35:02.087-07:002017-03-31T03:35:02.087-07:00सभी कविताएं लाजवाब हैं। लुहार, घड़ी, और पिता, तीनों...सभी कविताएं लाजवाब हैं। लुहार, घड़ी, और पिता, तीनों कविताएं जबर्दस्त तरीके से अपनी बात रख रही हैं। धूमिल का लुहार घोड़े की अहमियत में अपनी कीमत खो देता है, पर आप की कवित उसे पहचान देती है। क्या गज़ब की कविताएं हैं। बधाई।<br />ओ.पी. सिंह<br />हरिद्वारडॉ. ओ.पी. सिंहhttps://www.blogger.com/profile/13566636520767982509noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-88740071747410832212017-03-31T03:33:04.652-07:002017-03-31T03:33:04.652-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.डॉ. ओ.पी. सिंहhttps://www.blogger.com/profile/13566636520767982509noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-58539508325300888172017-03-31T02:11:56.462-07:002017-03-31T02:11:56.462-07:00सभी कविताएँ बहुत अच्छी...सभी कविताएँ बहुत अच्छी...Karuna Saxenahttps://www.blogger.com/profile/08321445168499982197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-28453737159012924552017-03-31T01:35:21.436-07:002017-03-31T01:35:21.436-07:00उत्तम उत्तम नीलिमा शर्मा Neelima Sharma https://www.blogger.com/profile/15015116506093296186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-45675518701436311042010-09-21T11:28:30.433-07:002010-09-21T11:28:30.433-07:00हरे भाई को बहुत सारी शुभकामनायें और आपका आभारहरे भाई को बहुत सारी शुभकामनायें और आपका आभारAshok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-35124266184689143522010-09-21T06:05:29.306-07:002010-09-21T06:05:29.306-07:00'मन्दिर की घड़ी में जो बजता है
ठीक-ठीक वही चर...'मन्दिर की घड़ी में जो बजता है <br />ठीक-ठीक वही चर्च की घड़ी में नहीं बजता है <br />मस्जिद की घड़ी को मौलवी <br />अपने हिसाब से चलाता है <br />और सबसे अलग समय देती है <br />संसद की घड़ी' <br />............<br />अपने अर्थ -विस्तार मे हरेप्रकाश जी बहुत दूर तक जा रहे हैं ...। 'पिता' कविता को लिखते हुये वे खुद जैसे पिता हो गए हों...! 'इस बरस फिर होगी बारिश ' कविता मे देशज शब्दों का प्रयोग कविता को अलग पहचान पठनीयता और सरोकार प्रदान कर रहे हैं....।सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-57902353253426666412010-09-12T02:13:26.158-07:002010-09-12T02:13:26.158-07:00बहुत अच्छी बातें कहीं गई हैं. कुछ और कविताएं पढ़वाई...बहुत अच्छी बातें कहीं गई हैं. कुछ और कविताएं पढ़वाईये.अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-81266463875855040112010-09-07T20:58:19.037-07:002010-09-07T20:58:19.037-07:00भाई प्रदीप जी बधाई हरे प्रकाश उपाध्याय की कविताएँ ...भाई प्रदीप जी बधाई हरे प्रकाश उपाध्याय की कविताएँ बहुत सुन्दर हैँ।गहरे भाव समेटे हैँ।जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-49292595137412520482010-09-07T08:20:17.917-07:002010-09-07T08:20:17.917-07:00yu tou sabhi kavitain achchhi hai par khastaur par...yu tou sabhi kavitain achchhi hai par khastaur par pita aur ghadi bha rahi hain.विजय गौड़https://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-9693456164417583402010-09-07T07:10:47.761-07:002010-09-07T07:10:47.761-07:00इन कविताओं को पढ़कर हरेराम उपाध्याय को नि:संदेह आज ...इन कविताओं को पढ़कर हरेराम उपाध्याय को नि:संदेह आज के समय का महत्वपूर्ण कवि स्वीकार किया जा सकता है।बलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-25394890307348329102010-09-07T06:17:45.803-07:002010-09-07T06:17:45.803-07:00wonderful poemswonderful poemsमाधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-21149266592560102922010-09-07T06:01:43.503-07:002010-09-07T06:01:43.503-07:00कविताएं बहुत अच्छी हैं।कविताएं बहुत अच्छी हैं।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.com