tag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post7894848977401670062..comments2023-09-25T07:33:42.199-07:00Comments on तत्सम: खुरदुरे रास्ते ही पहुँचाते हैं राजमार्गों तक - महेश चन्द्र पुनेठा की कविताएँ प्रदीप कांतhttp://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-15447749440722780812013-07-26T07:44:51.018-07:002013-07-26T07:44:51.018-07:00कितने कवि हैं पूरी आत्मीयता से जो कह सकते हों-
‘अप...कितने कवि हैं पूरी आत्मीयता से जो कह सकते हों-<br />‘अपनी खुरदुरी हथेलियां छिपाएं नहीं<br />इनसे खूबसूरत इस दुनिया में कुछ भी नहीं है।’<br /><br />बहुत खूब! आभार इतनी अच्छी कविताएं पढवाने के लिए...नवनीत पाण्डेhttps://www.blogger.com/profile/14332214678554614545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-30925276025453241282013-07-26T07:42:49.125-07:002013-07-26T07:42:49.125-07:00कितने कवि हैं पूरी आत्मीयता से जो कह सकते हों-
‘अप...कितने कवि हैं पूरी आत्मीयता से जो कह सकते हों-<br />‘अपनी खुरदुरी हथेलियां छिपाएं नहीं<br />इनसे खूबसूरत इस दुनिया में कुछ भी नहीं है।’<br /><br />बहुत खूब! आभार इतनी अच्छी कविताएं पढवाने के लिए...नवनीत पाण्डेhttps://www.blogger.com/profile/14332214678554614545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-5932264737366440512013-07-23T07:50:30.171-07:002013-07-23T07:50:30.171-07:00साम्य है साम्य है भवानी शंकर काण्डपालhttps://www.blogger.com/profile/13176509501442551831noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-39868028113696691812013-07-23T07:49:58.200-07:002013-07-23T07:49:58.200-07:00सरल भाषा में सच कहने वाली कविताएँ
भौतिकविद लार्ड ...सरल भाषा में सच कहने वाली कविताएँ <br />भौतिकविद लार्ड केल्विन ने कहा था "यदि तुम सत्य को सरल शब्दों में एक अल्पग्य को समझाने में असफल हो तो तुम उसके विषय में नहीं जानते जो तुम कह रहे हो "<br />आपके शब्दों और समझ में समय है <br />इस साम्यवाद को सलाम <br />भवानी शंकर काण्डपालhttps://www.blogger.com/profile/13176509501442551831noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-13809807162813330122013-07-23T07:43:55.931-07:002013-07-23T07:43:55.931-07:00क्या बात है ?
"इनसे खूबसूरत दुनिया में कुछ भी...क्या बात है ?<br />"इनसे खूबसूरत दुनिया में कुछ भी नहीं है "<br />हृदयस्पर्शी<br />भवानी शंकर काण्डपालhttps://www.blogger.com/profile/13176509501442551831noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-48660565947562940922013-07-23T03:02:55.513-07:002013-07-23T03:02:55.513-07:00सत्यं शिवं सुन्दरं की अनिर्वचनीयता की अनुभूत,अद्भु...सत्यं शिवं सुन्दरं की अनिर्वचनीयता की अनुभूत,अद्भुत ध्वन्यात्मकाभिव्यक्ति.Dr.Ghanshyam Bhatthttps://www.blogger.com/profile/15006130305923263924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-31562736731878574072013-07-23T03:00:03.075-07:002013-07-23T03:00:03.075-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Dr.Ghanshyam Bhatthttps://www.blogger.com/profile/15006130305923263924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-17296099133350088592013-07-21T03:22:01.568-07:002013-07-21T03:22:01.568-07:00बेहतरीन और पाठक की समझदारी को बढाने वाली कवितायेँ ...बेहतरीन और पाठक की समझदारी को बढाने वाली कवितायेँ अपने सहज और ठेठ लहजे में । तत्सम पर लिखी तद्भव और देशज की कवितायेँ । बधाई । जीवन सिंहhttps://www.blogger.com/profile/12928813138204126303noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-82059784301239629572013-07-20T08:13:38.239-07:002013-07-20T08:13:38.239-07:00गणेश पाण्डेय जी से पूर्णतः सहमत हूँ..तीन कवितायें...गणेश पाण्डेय जी से पूर्णतः सहमत हूँ..तीन कवितायें पहले से पढी हुई थीं..सभी कवितायें पसंद आईं.. खुरदरे पन का सौंदर्यशास्त्र सामने रख कर जीवन को ही सामने रखा गया है..asmurarihttps://www.blogger.com/profile/16869905021434835844noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-4506147361539502052013-07-20T07:27:33.895-07:002013-07-20T07:27:33.895-07:00महेश जी, अच्छी कविताओं के लिए बहुत बधाई। अच्छी कवि...महेश जी, अच्छी कविताओं के लिए बहुत बधाई। अच्छी कविताओं को न किसी आलोचक की जरूरत होती है और न किसी इनाम की, उन्हें तो बस एक अदद सहृदय पाठक की जरूरत होती है। यकीन करें कि आज ऐसी कविताओं की अधिक जरूरत है, जो सीधे पाठकों से मुखातिब हों। बहुत सहज और पारदर्शी कविताओं के लिए स्नेह और शुभकामनाएँ भरपूर।Ganesh Pandey https://www.blogger.com/profile/05090936293629861528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-29828789163806562062013-07-20T04:12:41.300-07:002013-07-20T04:12:41.300-07:00बहुत सुन्दर और प्रभावशाली कविताएं....बहुत सुन्दर और प्रभावशाली कविताएं....RAJESHWAR VASHISTHAhttps://www.blogger.com/profile/01683041193283259654noreply@blogger.com