tag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post8217310899280554385..comments2023-09-25T07:33:42.199-07:00Comments on तत्सम: भाषा के 'क्रियोलीकरण' के विरोध मेंप्रदीप कांतhttp://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-89089643384785159522010-10-17T07:22:51.660-07:002010-10-17T07:22:51.660-07:00भूमंडलीकरण के दौर में पूरे विश्व में एक ही जीवन
पद...भूमंडलीकरण के दौर में पूरे विश्व में एक ही जीवन<br />पद्धति लागू हो रही है विविधता को समाप्त किया जा<br />रहा है भाषाएं प्रतिदिन समाप्त हो रही है विचारणीय यह कि साम्रज्यवाद के मार्च को कैसे रोका जाय इस के विरोध में खडी वामपंथी ताकतें विश्व स्तर पर संगठित नहीं है। वाम्पन्थियों को इस चुनौती का मुकाबला तीसरा इन्टरनेशनल बना कर करनी चाहिये राष्ट्रीय स्तर भी साझे मन्च की जरूरत हैभगीरथhttps://www.blogger.com/profile/11868778846196729769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-73927605177371632802010-10-12T06:58:54.093-07:002010-10-12T06:58:54.093-07:00इस ऐतिहासिक घटना की जितनी तारीफ़ की जाए कम है...कब...इस ऐतिहासिक घटना की जितनी तारीफ़ की जाए कम है...कब तक हिंदी अंग्रेजी की बंदी बन कर रहेगी...???<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-14392646726042251242010-10-10T23:01:15.362-07:002010-10-10T23:01:15.362-07:00बड़ी विचारोत्तेजक बात कही....साधुवाद.बड़ी विचारोत्तेजक बात कही....साधुवाद.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-31811187750984904862010-10-09T23:24:51.438-07:002010-10-09T23:24:51.438-07:00इसी विषय पर प्रभु जोशी का भी अत्यन्त उत्तेजक लेख म...इसी विषय पर प्रभु जोशी का भी अत्यन्त उत्तेजक लेख मैंने पढ़ा है। देखना यह है कि रोज़गार से जोड़ दिये गये क्रियोलीकरण को आज का युवा नकारता कैसे है।बलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-22828160459363538482010-10-09T00:10:27.637-07:002010-10-09T00:10:27.637-07:00bahut sundar bhai pradeep jibahut sundar bhai pradeep jiजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2979696410249369738.post-72362236257965159642010-10-08T19:53:20.176-07:002010-10-08T19:53:20.176-07:00भाषा के समागम से उर्दू-हिन्दी जैसी सुन्दर भाषाओं क...भाषा के समागम से उर्दू-हिन्दी जैसी सुन्दर भाषाओं का जन्म हुआ लेकिन क्रियोलीकरण की प्रक्रिया से विश्व की वर्चस्ववादी भाषा ने अन्य अनेको भाषाओं को निगल लिया हैं। <br />क्रियोलीकरण दो भाषाओं या संस्कृतियों का ऐतिहासिक समागम नहीं है जैसा की अमूमन होता आया है इसके विपरीत क्रियोलीकरण एक सोची-समझी रणनीति के तहत साम्राज्यवाद को मजबूती प्रदान करने के लिये थोपी गयी बाजारवादी अवधारणा है।<br />अनिल त्रिवेदी व तपन भट्टाचार्य जी को साधुवाद जिन्होंने इतने सारगर्भीत लेख क्रियोलीकरण जैसे विषय पर लिखे। <br />अगर हमें अपनी भाषा-विचार-आजादी को बचाना है तो सांकेतिक विरोध के साथ-साथ एक सशक्त समांतार मीडिया तैयार करने की ईमानदार कोशिश भी करना होगी। कई छोटे मोटे प्रयास जारी है लेकिन संगठीत होकर इस 'फाइनल असाल्ट' की जोरदार खिलाफत किया जाना आज की सबसे बडी आवश्यकता है।परेश टोकेकर 'कबीरा'https://www.blogger.com/profile/05135540814475441202noreply@blogger.com