अमेय कान्त
जन्म: १० मार्च १९८३ शिक्षा: एम ई (इलेक्ट्रानिक्स ) प्रकाशन: ज्ञानोदय, साक्षात्कार, परिकथा, कथाचक्र आदि पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित. किताबें पढना, संगीत आदि में रूचि सम्प्रति: इंजीनियरिंग कॉलेज में व्याख्याता सम्पर्क: एल आई जी, मुखर्जी नगर देवास-455001, (म प्र) फोनः 07272 228097 ई मेल: amey.kant@gmail.com | आज, जब युवा पीढ़ी का केवल एक ध्येय है - किसी तरह भी पैसा कमाने की मशीन बन जाना। सामाजिक सरोकारों से शायद ही कुछ लेना देना हो। स्कूल भी मैनेजर, डॉक्टर, इंजीनियर आदि बनाने की फैकट्री बन गये हैं, नागरिक बनने के संस्कार बिरला ही कोई स्कूल दे रहा हो। ऐसे में यदि युवतम पीढ़ी से कोई कवि मिल जाए तो…, अमेय कान्त युवतम पीढ़ी की ऐसे कवि हैं जिनकी कविताएँ युवा पीढ़ी में बची सामाजिक सरोकारों की चिन्ता के बारे में आश्वस्त करती हैं। अमेय की कविताओं में जहाँ बचपन की स्मृतियाँ हैं वहीं वर्तमान और भविष्य की चिन्ताएँ भी। उनके कविता संसार में संवेदनाओं की गहनता भी दिखाई देती है तो विचारों की गम्भीरता भी। अतीत को सहेजती और कोहरे के पार देखने की कोशिश करती उनकी कविताएँ मन को सीधे सीधे कचोटती हैं।
- प्रदीप कान्त
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पन्नों के बीच
पुराने दोस्त से
मैं, तुम और रामप्रसाद
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शनिवार, 28 नवंबर 2009
कोहरे के पार देखने की कोशिश...
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5 टिप्पणियां:
बचा कर रखी जाने वाली कविताएं हैं.
आज कौन लिख रहा है दिल से निकलने वाली ये कविताएं.....
सुन्दर!
दिल को छू लेने वाली रचनाएँ। बधाई।
दिल को छू रही हैं सब कविताएँ .........
this is wonderful.............
Sundar rachna sansaar hai...kewal ek binati hai...ek saath itnee naa den!
Ise anytha na len...sujhaw matr hai!
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