बुधवार, 31 दिसंबर 2008

आस ही विश्वास है

नव वर्ष - २००९ की शुभकामनाओ के साथ तत्सम में आपका स्वागत।

बहुत दिनों से उलझन में था - ब्लॉग पर आने को लेकर। साहित्य के लिये तकनीक के उपयोग को लेकर। किन्तु वर्तमान समय को महसूसते हुऐ लगने लगा है कि अब तकनीक यानि इन्टरनेट लोगों तक पहुँचने का एक सशक्त माध्यम है और तमाम सही चीज़ों के लिये इसका उपयोग ज़रूरी है। अन्तत: शुरूआत कर ही दी है। प्रथम प्रस्तुति में अपनी एक कविता लगा रहा हूँ। इस विश्वास के साथ कि नये साल में शायद कुछ अच्छा हो, जैसे भटके हुऐ बच्चे घरों को लौट आऐ। कविता पढ़ें और विचारों का घमासान करें।

विश्वास

स्कूल जाते

बच्चे के बस्ते में

चुपके से डाल देता हूं

कुछ अधूरी कविताएं

इस विश्वास के साथ

कि वह

पूरी करेगा इन्हें

एक दिन