
डॉ० बुद्धिनाथ मिश्र हिन्दी और मैथिली के नवगीतकार व कवि हैं। 'जाल फेंक रे मछेरे' 'नोहर के नाहर' (जीवनी) 'जाड़े में पहाड ' और 'शिखरिणी' उनके अब तक प्रकाशित महत्वपूर्ण नवगीत संग्रह हैं। 'आज' के सम्पादक साहित्य पद (१९७१ से ८०) को सुशोभित करने के बाद विभिन्न सरकारी उपक्रमों में राजभाषा के पद पर आसीन रहे। वर्तमान में वे मुख्य राजभाषा प्रबंधक तेल और प्राकृतिक गैस आयोग देहरादून के पद से सेवा-निवृत्त हो चुके हैं। डॉ० बुद्धिनाथ मिश्र से नवगीत के विविध संदर्भों पर बातचीत की है जयकृष्ण राय तुषार ने| पूरा पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक से जयकृष्ण राय तुषार के ब्लॉग पर जाएँ|
2 टिप्पणियां:
सुन्दर प्रस्तुति....बधाई !!
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सामुदायिक ब्लॉग "ताका-झांकी" (http://tak-jhank.blogspot.com)पर आपका स्वागत है. आप भी इस पर लिख सकते हैं.
jankari dene ke liye shukriyaa
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